मनुष्य जीवन भर मंजिल की तलाश में भागता है और मंजिल उससे दूर होती जाती है, जैसे जल की तलाश में मृग मरू भूमि में मरीचिका का अनुभव करता है,
संत कबीर के शब्दों में : पानी में है मीन पियासी
मंगलवार, 29 सितंबर 2009
ब्लागवाणी पुन: शुरू
ब्लागवाणी को पुन: शुरू करने के लिये धन्यवाद । उदासी का समय खत्म हुआ, चेहरे पर खुशी लौट आई है। हम सब की ईद, दशहरा और दिवाली आज ही है। फिर से धन्यवाद।
ठीक कहते हो, वाकई शुरू, और हम भी होगये शुरू, चाहे इसने हमें अपना समझा हो कि नहीं समझा हो वह ब्लाग जसे ब्लागवाणी पर नहीं हैं
signature: विचार करें कि मुहम्मद सल्ल. कल्कि व अंतिम अवतार और बैद्ध मैत्रे, अंतिम ऋषि (इसाई) यहूदीयों के भी आखरी संदेष्टा? हैं या यह big Game against Islam है? antimawtar.blogspot.com (Rank-1 Blog)
छ अल्लाह के चैलेंज सहित अनेक इस्लामिक पुस्तकें islaminhindi.blogspot.com (Rank-2 Blog)
ख़ुशी की ब्लागवाणी चालू हो जाने की आपको और ब्लागवाणी को संचालको को शुभकामनाये .
जवाब देंहटाएंठीक कहते हो, वाकई शुरू, और हम भी होगये शुरू, चाहे इसने हमें अपना समझा हो कि नहीं समझा हो
जवाब देंहटाएंवह ब्लाग जसे ब्लागवाणी पर नहीं हैं
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विचार करें कि मुहम्मद सल्ल. कल्कि व अंतिम अवतार और बैद्ध मैत्रे, अंतिम ऋषि (इसाई) यहूदीयों के भी आखरी संदेष्टा? हैं या यह big Game against Islam है?
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बहुत बहुत धन्यवाद जानकारी के लिए ...जब से ब्लोगवाणी के बंद होने की खबर मिली थी | काफी धक्का लगा था |
जवाब देंहटाएंब्लागवाणी आरंभ होने की प्रसन्नता है पर उसे भगवान और ब्लागिंग को धर्म तो मत बनाओ।
जवाब देंहटाएंब्लॉगवाणी की वापसी अति सुखद है.
जवाब देंहटाएंमैथिलीजी और सिरिलजी का हार्दिक आभार.