मनुष्य जीवन भर मंजिल की तलाश में भागता है और मंजिल उससे दूर होती जाती है, जैसे जल की तलाश में मृग मरू भूमि में मरीचिका का अनुभव करता है,
संत कबीर के शब्दों में : पानी में है मीन पियासी
रविवार, 18 अक्तूबर 2009
रोशनी की झलक
कल शाम जब पूरा देश दीपावली की रोशनी से सराबोर हो रहा था, घर के आंगन और मन्दिर में लक्ष्मी और दीप पूजन तथा श्रद्घा की झलक मोबाइल कैमरे की नज़र से
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