मनुष्य जीवन भर मंजिल की तलाश में भागता है और मंजिल उससे दूर होती जाती है, जैसे जल की तलाश में मृग मरू भूमि में मरीचिका का अनुभव करता है,
संत कबीर के शब्दों में : पानी में है मीन पियासी
शुक्रवार, 11 दिसंबर 2009
कौन रचयिता
भगवान ने इन्सानों को बनाया , या इन्सानों ने भगवान को, अनुत्तरित यह प्रश्न सदियों से ।
अनुत्तरित ही रहेगा...यह शाश्वत प्रश्न है.
जवाब देंहटाएंइंसान ने भगवान को बनाया है
जवाब देंहटाएंपर खुद इंसान भी नहीं रह पाया है।