रविवार, 21 मार्च 2010

डेविड कोलमैन हेडली की स्वीकारोक्ति ( १ )

जिस बात की आशंका शुरू से जताई जा रही थी वह सत्य निकली, आखिर डेविड हैडली ने अमेरिकी कोर्ट मे अपराध की स्वीकारोक्ति कर लिया है । अब जैसा भारतीय समाचार माध्यम बता रहे हैं उनसे दो तीन पहलू उभर कर आ रहे हैं ।

पहला यह बात पूरी तरह से साफ़ हो गयी है कि डेविड हैडली एक डबल एजेंट है । यानी वह एफ़ बी आई का एजेंट था जो पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान मे ड्रग के काले धंधे और उससे प्राप्त धन के आतंकवाद मे इस्तेमाल व इनमे शामिल लोगों की जानकारी के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था । शायद हैडली दूसरे ग्रुप यानी पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान में जिन लोगों के संपर्क मे आया उनके उद्देश्यों से भी प्रभावित हो गया और उनका साथ देने लगा या यूं कहें कि वह उनमे से एक बन गया । जासूसी एजेंटों के बारे मे यह कोई नयी बात नहीं है ऐसा अक्सर पाया जाता है कि जासूसों को अपने लक्ष्य के बारे मे अंदर की खबर पाने के लिए टारगेट से घुल मिल कर उनमे से एक होना ही पड़ता है । तो क्या हैडली इसी प्रक्रिया के दौरान अपने को स्थापित करने के लिए मुंबई पर हमले का ताना बाना बुनने मे शामिल हो गया ।

यह प्रश्न उठाने के पीछे मेरे शक का कारण यह है कि डेविड जब भारत मे अपना जाल फैला रहा था और अपने टारगेट की रेकी कर रहा था तो वह एफ बी आई के रडार से बाहर नहीं था , यहां तक कि मुंबई हमलों के बाद भी जब वह भारत आया तो यह बात अमेरिकी एजेंसियों को मालूम थी, जिसे उन्होने भारतीय एजेंसियों को नहीं बताया । इससे यही लगता है कि मुंबई हमलों से पहले उसके अमेरिकी आका लोग यह सोचते होगें कि उसकी कार्यवाई का परिणाम और उस पर प्रतिक्रिया इतने बड़े पैमाने पर नहीं होगी और हमलों के बाद जब वह भारत आया तो वे नहीं चाहते होगें कि वह भारत मे पकड़ा जाय । भारत मे पकड़े जाने पर हैडली यदि मुंह खोल देता तो अमेरिकी चालों के कई भेद सबके सामने आ जाते, जो शायद अमेरिका की घोषित नीतियों से मेल न खाते हों ।

अब आज की परिस्थिति में हैडली भारत नहीं लाया जा सकता, उससे पूछताछ भी शायद ही हो सके और होगी भी तो अमेरिकी देखरेख में । इस हालात मे भारतीय एजेसियां जो भी उत्तर पायेंगी वह केवल और केवल अमेरिकी नजरिये वाला होगा । अब तक , सैनिक भाषा मे कहें तो हैडली की ’ डि ब्रीफ़िगं’ हो चुकी है, वह मृत्युदंड के भय से मुक्त है और कुछ अन्य आश्वासनों ने भी लैस होगा । इसके बाद उससे पूछताछ करके क्या हासिल होगा और जो पता चलेगा उससे सच्चाई से पर्दा उठेगा या उस सच्चाई से हम अवगत होगें जो अमेरिका चाहता है अमेरिका को सूट करता है , जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच शक का जो महौल है वह कम नहीं होगा बल्कि और बढ़ेगा ।

(हम दूसरे और तीसरे पहलू पर विचार अगले हिस्सों मे करेगें )