मनुष्य जीवन भर मंजिल की तलाश में भागता है और मंजिल उससे दूर होती जाती है, जैसे जल की तलाश में मृग मरू भूमि में मरीचिका का अनुभव करता है,
संत कबीर के शब्दों में : पानी में है मीन पियासी
शनिवार, 29 अगस्त 2009
आधुनिक नैतिकता
क्या ज़ायज है ? नियम के दायरे में खेलना, या हर हाल में विजेता होना । यकीनन दोनो ही, तुम्हारा नियम के दायरे में खेलना, मेरा हर हाल में विजेता होना।
वाह! बहुत खूब लिखा है।
जवाब देंहटाएंmera her haal mein jeetna...
जवाब देंहटाएंwah
karara vyang hai ...aanand aaya aapko padhker ....vijaysinghji