रविवार, 4 अप्रैल 2010

सानिया मिर्ज़ा की शादी

सानिया की शादी पर इतना बवाल क्यों हो रहा है , इससे बढ़कर यह सवाल है कि यह बवाल उचित है या नहीं ? भारतीय उपमहाद्वीप मे शादी ब्याह तो खुशी का ऐसा मौका होता है जिसमे दो व्यक्ति तो जीवन भर के लिए एक दूसरे से जुड़ते ही हैं दो परिवार भी साथ साथ जुड़ते हैं । इसके अतिरिक्त यह व्यक्तिगत से बढ़कर सामाजिक रिश्ता भी होता है । विवाह दो परिवारों व दो समाजों के बीच एक जुड़ाव की कड़ी के रूप मे होता है । समाज का निर्माण मनुष्य के व्यापारिक रिश्तों और वैवाहिक रिश्तों से ही होता है । इसीलिए इसकी कामयाबी के लिए सबका साथ , आशीर्वाद और शुभकामनाएं ली जाती हैं ।

सानिया और शोएब की शादी का मामला सीधा नहीं है इसमे एक नही कई मोड़ हैं । मै किसी के व्यक्तिगत मामलों पर कभी नहीं लिखता लेकिन इस मामले मे हो रहा हंगामा इसे व्यक्तिगत के दायरे से बाहर ला रहा है । सानिया इस देश की बेटियों के लिए आदर्श हैं , मैने खुद अपनी एक कविता मे उनका ज़िक्र किया है । कुछ साल पहले जब किसी मौलवी ने उनकी ड्रेस को लेकर फ़तवा दिया था तो इसका जबरदस्त विरोध हुआ था । इसके अलावा भी सेलिब्रटी होने के कारण उनके बारे मे छोटी बड़ी बाते समाचार बनती ही रहती हैं । इस लिहाज से उनकी शादी पर चर्चा तो स्वाभाविक है और जब शादी एक पाकिस्तानी क्रिकेट स्टार से हो तो चर्चा और भी लाज़िमी है । लेकिन यह चर्चा खुशनुमा और पॉजिटिव के बज़ाय नेगेटिव हो रही है । इस खुशी की बात को नेगेटिव मोड़ पर लाने क्या क्या पहलू हैं , एक नज़र उनपर डालते हैं ।

सोहराब मिर्ज़ा पहलू :

सानिया की सगाई जुलाई ०९ मे सोहराब मिर्ज़ा से तय हुई , पूरे ज़श्न के माहौल मे , दोनो की तस्वीरें मीडिया मे आयीं , लेकिन सगाई छ: महीने मे टूट गयी , कारण का खुलासा नही हुआ । दोनो परिवारों ने केवल यह कहा कि सोहराब और सानिया दोनो ने अपनी इच्छा से अलग होने का फ़ैसला किया है । अब सानिया ने इस बात का खुलासा किया है कि अब से करीब छ: महीने पहले ( यानी सोहराब से सगाई के तीन महीने बाद ) से उनके और शोएब के बीच डेटिंग चल रही है । हमे सानिया की बात का विश्वास करना चाहिए , फिर भी भारतीय समाज के हिसाब से यह अजीब ही है कि सगाई के बाद सानिया किसी दूसरे के साथ डेटिंग कर रही थीं ।

या सच यह हो सकता है , जैसी कि अफ़वाह है , कि सानिया सोहराब से शादी करना ही नही चाहती थी , उन्हे शुरू से ही शोएब से शादी करनी थी लेकिन उनका परिवार उनके पाकिस्तान मे बसने और शादी के बाद टेनिस छोड़ देने की शोएब की शर्त मानने लिए तैयार नही था । इसके पीछे भारत पाकिस्तान के बीच के हालात भी एक कारण हो सकता है । इस लिए सोहराब जो कि एक पारिवारिक मित्र हैं उनसे सानिया की सगाई कर दी गयी । इस बात का इशारा कुछ महीने पहले के सानिया के एक इन्टरव्यू से मिलता है , जब उन्होने यह कहा था कि जब खेलना है तो शादी क्यों करें । लगता है कि सोहराब से सगाई के बाद शोएब तथा उनके परिवार पुनर्विचार करने पर मजबूर हुआ और इन दोनो बातों पर छूट देने के लिए राज़ी हो गया । इसी लिए यह बात जोर देकर कही गयी कि दोनो शादी के बाद दुबई मे रहेंगे और सानिया भारत के लिए खेलती रहेंगी । इससे भारत मे मौजूद पाकिस्तान विरोधी माहौल को सानिया विरोधी बनने से रोकने मे थोड़ी सहायता भी मिली है ।

लेकिन दोनो सूरतों मे सोहराब मिर्ज़ा के नज़रिये से देखें तो बेचारे इस्तेमाल ही हुए ।


राजनैतिक और सांप्रदायिक पहलू :

भारत मे कुछ राजनैतिक दल ( जैसे कि शिव सेना ), समाजवादी पार्टी के अबु आज़मी और कुछ अराजनैतिक हंगामा ग्रुप ( जैसे प्रमोद मुथालिक की श्री राम सेना ) जैसे लोग हैं जिनका एक ही काम है कि किसी भी मुद्दे को लेकर उसे या तो साम्प्रदायिक रंग दे देते हैं या उसे भारतीय संस्कृति पर हमला घोषित कर देते हैं । कोई किसी से शादी कर रहा है इसमे क्यों हाय तोबा । लेकिन अजीब बात है कि बाल ठाकरे जैसा व्यक्ति संपादकीय लिख रहा है , उनके कार्यकर्ता पोस्टर जला रहे हैं और सानिया को भारत से नही खेलने देने की घोषणा कर रहे हैं । बहुत दिनो से सोये पड़े प्रमोद मुथालिक को भी टीवी पर आने का मौका मिल गया ।

यह सब ज्यादा से ज्यादा मीडिया पोजिशनिंग से अधिक कुछ नही है । भारत मे आज के माहौल मे ऐसी बातों पर लोग थोड़ा बहुत कन्सर्न भले जता दें लिकिन उद्द्वेलित नही होते । इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस बात पर मामला गर्म रहेगा । वैसे भी शादी के बाद लडकी अपने ससुराल जाती ही है , यहां तो लड़की को पराया धन ( यानी पति के परिवार की ) मानते ही हैं । बस थोड़ी बहुत कसक यदि है तो वह पाकिस्तान को लेकर है , दूल्हा अगर पाकिस्तानी नही होता तो इनमे से किसी को अपनी राजनीति चमकाने का मौका नही मिलता । लेकिन अब इस बात को ज्यादा मुद्दा बनाने का कोई लाभ नहीं ।


आयशा सिद्दीक़ी पहलू :


आयशा हर टीवी चैनल पर छायी हुई हैं । उन्हे पूरी सहानुभूति भी मिल रही है । उन्होने इतना सबूत तो लोगों के सामने रख ही दिया है कि शोएब का चरित्र शक के दायरे मे आ गया है । अब यह तो साफ है कि निकाह हुआ था , अब शोएब की तरफ से यह मुद्दा उठाया जा रहा है कि निकाह नामा तो है लेकिन प्रोसेस पूरा नही हुआ । इससे साफ जाहिर होता है कि दाल मे कुछ काला तो है । आज जब शोएब और सानिया एक पवित्र रिश्ते मे बंधने जा रहे हैं तो यह शक और धोखे का माहौल ठीक नहीं है । यदि सचमुच आयशा के साथ निकाह हुआ था तो यह शादी सानिया ,आयशा और कानून सब के साथ अन्याय होगा । इसलिए स्थिति साफ हो तो अच्छा होगा नही तो बाद मे इसका परिणाम ज्यादा दुखद हो सकता है ।

अंत मे शोएब पहलू :


शोएब मलिक की एक ही छबि हमारे मन मे बसी हुई है जब ट्वन्टी-ट्वन्टी विश्व कप के फाइनल मे भारत से हारने के बाद उन्होने पूरे दक्षिण एशिया के मुसलमानों से माफ़ी मागी थी कि उनके लिए वे विश्व कप नही जीत पाये , यानी उस भारत से हार गये जो हिंदू बहुल है । यह उस पाकिस्तानी मानसिकता को ज़ाहिर कर रहा था जो मानता है कि विभाजन के बाद पाकिस्तान ही मुसलमानो का प्रतिनिधित्व कर सकता है ।

ऐसे व्यक्ति से क्या हम यह उम्मीद करें कि वे अपनी पत्नी को यह छूट देगें कि वे भारत की नागरिक बनी रहें , भारत के लिए खेले और मेडल जीते । लेकिन जब ऐसी घोषणा सानिया और शोएब दोनो ने किया है तो शायद हो सकता है कि शोएब बदल गये हैं या सानिया ने बदलने पर मजबूर कर दिया है या फिर बाद मे सानिया बदल जायेंगी । यह तो समय ही तय करेगा ।


आज तो केवल इतना ही : सानिया-शोएब को सुखी और सफल वैवाहिक जीवन के लिए शुभकामनाएं । शायद इससे भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ मिठास आये ताकि सम्बन्ध अच्छे बने और आज जो नेगेटिव चर्चा है उसका परिणाम पॉजिटिव हो । आमीन

7 टिप्‍पणियां:

  1. koi nai sahib, jaise dusri shaadi ki khabar aa chuki hai waise jaldi hi teesri shaadi ki khabar par bhi lekh likhne ke liye taiyar rahein.

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  2. mujhe lagta hai ki aapko ye post waqt aane par lambi karni padegi...aur kai pahalu jodne padenge.

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  3. संध्या गुप्ता जी , पसंद करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ।

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  4. बहोत सही पोस्ट।
    आज मेरे जन्मदिन पर बढाई के लिये आभार।

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